उत्तर प्रदेश के लखनऊ में 19 दिसंबर को हुई हिंसा में सीएए और एनआरसी के विरोध करने पर जेल भेजे गए सदफ जफर, दीपक कबीर सहित अन्य अभियुक्तों के खिलाफ योगी सरकार ने कोर्ट में एफिडेविड फाइल किया है. इसमें कहा गया है कि आरोपियों की जमानत रद्द कर उन्हें तुरंत दोबारा जेल भेज दिया जाए. इसके बाद कोर्ट ने आरोपियों को नोटिस जारी किया है. नोटिस में आरोपियों से कोर्ट में पेश होकर अपना पक्ष रखने को कहा गया था जिसके बाद आरोपियों ने अपना पक्ष कोर्ट में अलग-अलग दिन रखा है. अगली सुनवाई 5 सितंबर को होनी है. साथ ही आरोपियों ने योगी सरकार पर जबरदस्ती प्रताड़ना का आरोप लगाते हुए कहा है लोकतंत्र में आवाज दबाने वाली सरकार है. सरकार की तरफ से कोर्ट में कहा गया है कि आरोपी जमानत में बाहर रहने पर षड्यंत्र और धरना प्रदर्शन कर लोगों को भड़का सकते हैं. जेल के बाहर रहकर दंगे की साजिश बना सकते हैं इसलिए इन सभी आरोपियों की जमानत अर्जी कैसिल कर दोबारा जेल भेज देना चाहिए. कोर्ट प्रसाशन ने आरोपियों को नोटिस भेजा था और सरकार का एफिडेविट का हवाला देकर कोर्ट में अपना पक्ष रखने को कहा था. नोटिस पाने वालों में सदफ जफर, स्टेज आर्टिस्ट दीपक कबीर और रिहाई मंच के मोहम्मद शोएब के पास यह नोटिस भेजा गया था जिसके बाद आरोपियों ने योगी सरकार पर जबरदस्ती फंसाने का आरोप लगाया है. प्रदर्शनकारियों की तरफ से न्यायालय में आपत्ति दायर करने की तैयारी कर रहे हैं लेकिन अभी जरूरी दस्तावेज प्राप्त नहीं हुए हैं. सुनवाई के लिए कोर्ट ने अगली तारीख 5 सितंबर तय की है.(UNA)