new delhi; गृह मंत्री अमित शाह की जम्मू-कश्मीर यात्रा का आज तीसरा दिन है। आतंकी घटनाओं की आशंकाओं के साए में संभवत: किसी भी गृह मंत्री के तीन दिनों तक जम्मू- कश्मीर में रुकने और सुरक्षा की परवाह किए बिना लोगों से सीधे मिलने का यह पहला उदाहरण है। अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के समाप्ति के बाद गृह मंत्री की यह पहली जम्मू- कश्मीर यात्रा है। जबकि केंद्रीय गृह मंत्री के रूप में, अमित शाह की यह दूसरी यात्रा है। उन्होंने अनुच्छेद 370 को समाप्त करने से ठीक 40 दिनों पहले जून 2019 में कश्मीर घाटी का दौरा किया था।
अमित शाह ने ही जम्मू और कश्मीर में अनुच्छेद 370 को समाप्त करने और राज्य को दो हिस्सों में बांटने वाले ‘जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन संशोधन विधेयक’ संसद में पेश किया था। उसके बाद राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बांट दिया गया। जानकार बताते हैं कि उनकी यह यात्रा कई मायनों में अहम रही है जिसमें आतंकियों को सख्त संदेश देने के साथ-साथ सुरक्षाबलों का मनोबल बढ़ाने से लेकर नए कश्मीर में युवाओं का भरोसा जीतना तक शामिल हैं। बेखौफ अंदाज में दिख रहे शाह की इस यात्रा से केंद्र सरकार के उस मजबूत इरादे की झलक भी मिलती है कि जिसमें नए जम्मू-कश्मीर का निर्माण करना है। जम्मू-कश्मीर की अपनी यात्रा में पहले दिन, शाह के श्रीनगर में सुरक्षा और खुफिया प्रमुखों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक की। आज उन्होंने सीआरपीएफ के कैंप में रुकने का फैसला किया है। हमने उनके सभी प्रमुख कार्यक्रमों, कदमों और बयानों को मिलाकर यह जानने की कोशिश की है कि इसमे किसके लिए क्या संदेश छिपा है?
गृह मंत्री अमित शाह ने राजभवन में फार्मासिस्ट माखन लाल बिंदरू और स्कूल प्रिंसिपल सुपिंदर कौर के परिवारों से मुलाकात की। दोनों इस महीने की शुरुआत में आतंकियों के टारगेट किलिंग के शिकार हुए थे। अमित शाह ने 30 मिनट परिवार के सदस्यों के साथ बिताए, संवेदना व्यक्त की और उनकी शिकायतें सुनीं। जम्मू-कश्मीर पुलिस के शहीद जवान परवेज अहमद दार के घर जाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी। उनके परिजनों से भेंट की और उनकी पत्नी को सरकारी नौकरी दी।
मोदी सरकार और पूरा देश उनके साथ मजबूती से खड़ा है। देश ऐसी किसी भी कायरतापूर्ण हिंसा से डरने वाला नहीं है। आतंकवादियों को सीधा संदेश गया कि आतंकी घटनाओं के बाद भी वह भारत सरकार को अपने इरादे से डिगा नहीं सकती।
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