अदालत ने मात्र 18 माह में फैसला सुनाया
UNA NEWS,
Kaimur Bureau,
विनोद कुमार राम/ संवाददाता
भभुआ –
ट्रक मालिक और ड्राइवर की हत्या में दोषी ट्रक के खलासी को दोषी पाया गया और अदालत ने उम्रक़ैद की सजा सुनाई है। एडीजे दशम सुनील कुमार चौबे कैमूर भभुआ की अदालत ने ट्रक मालिक सह ट्रक चालक रवि कांत उर्फ प्रमोद यादव की हत्या में खलासी अभियुक्त गुड्डू यादव उर्फ गुड्डू कुमार पिता शिवनंदन यादव को दफा 302 के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनाई है और तीन हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है।
अपर लोक अभियोजक सरोज तिवारी ने बताया कि दिनांक 25 सितंबर 2020 को बिहार के कैमूर जिले के दुर्गावती थाना के पास जीटी रोड चिलबिली बाबा के पास एक ट्रक जिसका ट्रक नंबर जे एच12 डी 7909 में एक व्यक्ति की लाश पड़ी हुई मिली। पता चला कि यह ट्रक रवि कुमार उर्फ प्रमोद यादव का है जो ग्राम पोस्ट- फतेहपुर, थाना- अकबरपुर, जिला- नवादा, बिहार के रहने वाले हैं। इस सूचना पर प्रमोद के रिशतेदारों और मृतक की पत्नी ने थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई कि रवि कांत उर्फ प्रमोद यादव जो ट्रक चालक स्वयं ट्रक मालिक है उसकी हत्या उसके खलासी गुड्डू यादव उर्फ गुड्डू कुमार ने की है और पैसा लेकर भाग गया है। यह प्राथमिकी दुर्गावती थाना कांड संख्या 260/ 2020 में हत्या का मुकदमा दर्ज हुआ।
दिनांक 26 सितंबर 2020 को इस केस के अभियुक्त गुड्डू यादव को उसके ससुराल से पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। गुड्डू यादव ने पुलिस के सामने कुबूल किया कि ट्रक मालिक रवि कांत उर्फ प्रमोद यादव की हत्या मैंने की थी। उसने बताया कि प्रमोद यादव द्वारा लगातार अपमानित किए जाने, गाली गलौज एवं मारपीट करने से मैं बहुत दुखी था। गुड्डू ने बताया कि 19 सितंबर 2020 को बड़ोदरा से गाड़ी पर माल लोड कर चल दिए। दिनांक 21 सितंबर 2020 झांसी के पास पहुंचा था, वहीं प्रमोद से गाड़ी चलाने की बात को लेकर प्रमोद यादव ने गाली गलौज और यहाँ तक कि मारपीट की नौबत आई गई थी। दिनांक 21 सितंबर 2020 को जब हम लोग ट्रक लेकर बिहार की सीमा में प्रवेश किये तो देखा कि प्रमोद यादव गाड़ी में गहरी नींद में सो रहा था। कर्मनाशा बाजार पावर हाउस पार करने के पश्चात पोखर के पास मैंने गाड़ी रोक दी। तंबाकू बनाकर खाया और देखा कि रविकांत गहरी नींद में सो रहा है। इसी समय मुझे अपमान का बदला लेने का विचार बहुत तेज़ी से आया और हॉल रिंच से रविकांत सर पर पूरी ताकत से मारा जिससे वह वहीं दम तोड़ दिया। तब मैं गाड़ी में चाबी लगा छोड़ एवं गेट बंद कर गाड़ी में रखे सारे पैसे एवं रविकांत के दोनों मोबाइल फोन लेकर रात में ही पैदल चल दिया। एक घंटा चलने के पश्चात दुर्गावती बाजार पार करते हुए दुर्गावती से लगभग डेढ़ किलोमीटर पूरब उत्तरी लैंड पर बने एक पुलिया के नीचे रवि कांत के दोनों मोबाइल फेंक दिया एवं आगे चल दिया । इस बीच कोई गाड़ी पकड़ने की काफी कोशिश की लेकिन रात में कोई भी गाड़ी नहीं मिली। फिर सुबह किसी गाड़ी से सासाराम पहुंचा। सासाराम से गया, हिसुआ नवादा होते हुए घर पर चला गया। दिनांक 23 सितंबर 2020 को अपनी बहन के घर बाय जोशुआ चला गया और डर से छुपकर रहने लगा। दिनांक 25 सितंबर 2020 को अपने ससुराल चला गया लेकिन 26 सितंबर 2020 को मेरे ससुराल में पुलिस आकर मुझे पकड़कर दुर्गावती थाना लाई। बचाव पक्ष से अधिवक्ता अजीत कुमार सिंह बहस में भाग लिया।
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