मुंबई,
30 डिसेंबर 2021
UNA न्यूज संवाददाता
ईडी(प्रवर्तन निदेशालय) ने पीएमएलए कोर्ट, मुंबई में मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दायर 7000 पन्नों के पूरक आरोपपत्र में महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को मुख्य आरोपी के रूप में नामित किया है।
उनके दोनो बेटों ऋषिकेश और सलिल को भी नामित किया गया है।
बता दें कि महाराष्ट्र आघाडी सरकार के तत्कालीन गृह मंत्री अनिल देशमुख ने मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह द्वारा आरोप लगाए जाने के बाद 5 अप्रैल को इस्तीफा दे दिया था और सीबीआई को उच्च न्यायालय द्वारा जांच करने की अनुमति दी गई थी।
100 करोड़ रुपये की वसूली के इन आरोपों के मामले में ‘प्रवर्तन निदेशालय’ (ईडी) ने इस मामले में अनिल देशमुख से लगातार पूछताछ कर रही थी।
ईडी के अधिकारियों ने देशमुख से 25 जून को मुंबई के वर्ली स्थित उनके आवास पर पूछताछ की थी।
लेकिन उसके बाद से उनसे कोई पूछताछ नहीं हुई है।
इससे पहले अगस्त में, ईडी ने देशमुख के नागपुर स्थित ट्रस्ट, श्री साईं शिक्षण संस्थान, उनके तत्कालीन निजी सचिव संजीव पलांडे और निजी सहायक कुंदन शिंदे सहित अन्य के खिलाफ अपना पहला आरोप पत्र दायर किया था, जिसमें अब बर्खास्त पुलिस अधिकारी सचिन वाजे भी शामिल थे।
बार-बार तलब करने के बाद भी अनिल देशमुख पूछताछ के लिए पेश नहीं हुए,देशमुख को अब तक ईडी और सीबीआई दोनों ही निशाने पर ले चुके हैं।
ईडी ने अनिल देशमुख को इसी साल 1 नवंबर को गिरफ्तार किया था और फिलहाल वह न्यायिक हिरासत में हैं।
ईडी जांच कर रही है कि क्या इस मामले में शिवसेना के विधायक और परिवहन मंत्री अनिल परब का भी इस मामले में कोई भूमिका तो नही है।
ईडी ने अभी तक अनिल परब के बारे में चार्जशीट में कोई विशेष जिक्र नहीं किया है। इसके अलावा चार्जशीट में 12 आईपीएस अधिकारियों के बयान को भी शामिल नहीं किया गया है।
जिनसे ईडी(प्रवर्तन निर्देशालय) ने विशेष पूछताछ की थी।