ODISHA ; संबलपुर। पड़ोसी छतीसगढ़ और आंध्र प्रदेश की सीमा से सटे दक्षिण ओडिशा के मलकानगिरी, कोरापुट और कंधमाल जिला में सक्रिय नक्सली संगठनों को रविवार के दिन जोर का झटका लगा। संगठन के तीन कट्टर नक्सलियों ने ओडिशा सरकार के पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर ओडिशा के पुलिस महानिर्देशक अभय के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। समाज की मुख्यधारा में शामिल होने के इच्छुक इन तीनों कट्टर नक्सलियों को डीजीपी ने सरकार की ओर से पुनर्वास नीति के तहत समस्त सुविधा मुहैया कराए जाने का भरोसा दिया। रविवार को पुलिस महानिर्देशक अभय के दक्षिण ओडिशा दौरे के दौरान आईजी (आपरेशन) अमिताभ ठाकुर, आईजी (हेड क्वार्टर) एस. देवदत्त सिंह, गुप्तचर विभाग के निर्देशक ललित कुमार दास, दक्षिणांचल पुलिस आईजी सत्यव्रत भोई, मलकानगिरी जिला पुलिस अधीक्षक प्रह्लाद मीणा, कोरापुट जिला पुलिस अधीक्षक वरुण समेत कंधमाल जिला पुलिस अधीक्षक विनीत अग्रवाल विशेष रुप से शामिल रहे।
मलकानगिरी जिला में सक्रिय पलाचलम एलओएस की कमांडर व मलकानगिरी जिला के एमवी – 79 थाना अंतर्गत तामनपल्ली गांव की रामे पोडियामी उर्फ सबिता समेत माथिली थाना अंतर्गत दलदली गांव के राईधर धुरुआ उर्फ राईधर और कोरापुट जिला की नारायणपाटना थाना अंतर्गत पिलबोरे गांव की तालसे हुईका उर्फ तालसी ने भी पुलिस महानिर्देशक अभय के सामने आत्मसमर्पण किया। तालसे उर्फ तालसी कोरापुट जिला में आंध्र- ओडिशा बॉर्डर स्पेशल जोनल कमेटी अंतर्गत बैपारीगुड़ा एरिया कमेटी की एरिया कमेटी मेंबर थी। तेरह वर्ष की उम्र में वह वर्ष 2012 में नक्सली संगठन के जन नाट्य मंडली में शामिल हुई थी। इसी तरह रामे पोडियामी उर्फ सबिता वर्ष 2000 और राईधर धुरुआ वर्ष 2017 में नक्सली संगठन में शामिल हुआ था। पुलिस महानिर्देशक अभय ने कंधमाल में नक्सलियों के साथ पुलिस की मुठभेड़ में सुरक्षा बल के जवानों की जांबाजी की प्रशंसा करने समेत गांजा की अवैध खेती के खिलाफ शुरू अभियान की सराहना की।
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