भारत देश में धर्म परिवर्तन पर कानून शक्त का प्रावधान: भारत देश में जगह जगह पर हो रहे धर्म परिवर्तन को लेकर कानून शक्त है इसे रोकने के लिए देश में नए-नए नियम और कानून बनाए जा रहे है जबकि संविधान हम सबको आजादी देता है कि भारत में रहने वाले प्रत्येक नागरिकता प्राप्त नागरिक व्यक्ति स्वतंत्र है उनको जीवन यापन करने का अधिकार है वह अपने सुइच्छा से अपने जीवन को गुजर, बसर कर सकता है ।
कानून की प्रतिक्रिया में बदलाव :
कानून की प्रतिक्रिया में बदलाव धर्म परिवर्तन को लेकर हो रहे है और किन-किन राज्यों में कानून शक्त है और कहा -कहा शक्ति बरती जा रही है और क्यों?
धर्म परिवर्तन विरोधी कानून में उत्तर प्रदेश का कानून सबसे ज्यादा सख्त क्यों है?और क्यों? प्रदेश में जबरन धर्मपरिवर्तन को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार अब सख्त रवैया अपनाने जा रही है लेकिन क्या आप जानते हैं कि बाकी किन किन राज्यों में धर्मपरिवर्तन को लेकर सख्त कानून बना हुआ है आइए इसे हम जानते है देश के सभी राज्यों में धर्मपरिवर्तन को लेकर अलग-अलग नियम-कानून लागू किया गया है। उत्तर प्रदेश में जबरन धर्म परिवर्तन के खिलाफ योगी सरकार ने मौजूदा कानून में बदलाव के लिए विधेयक पेश किया है। लेकिन अब सवाल ये है कि आखिर इस विधेयक में ऐसा क्या है? जिसका पूरे देश में चर्चा का विषय बना हुआ है इसके अलावा आज हम, आपको बताएंगे कि देश के बाकी राज्यों में धर्म परिवर्तन को लेकर क्या कानून लागू है ।
धर्मपरिवर्तन पर फंडिंग को लेकर भारत कानून शक्त : बता दें कि उत्तर प्रदेश में संशोधन विधेयक में धर्म परिवर्तन से जुड़े मुद्दे एवं अपराधों में सजा की अवधि को बढ़ा दिया गया है। इसमें आजीवन कारावास और एक लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है। वहीं विदेशों से धर्म परिवर्तन के लिए होने वाली फंडिंग पर अंकुश लगाने के लिए भी सख्त प्रावधान किए गये हैं उत्तर प्रदेश योगी सरकार की तरफ से पेश किए गये बिल को उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध (संशोधन) विधेयक नाम दिया गया है। नाबालिग एससी-एसटी का धर्म परिवर्तन कराने पर उम्रकैद का प्रावधान है इस विधेयक को विधानसभा से पारित होने के बाद इसे विधान परिषद भेजा जाएगा। वहीं इसे उच्च सदन से पारित होने के बाद राज्यपाल के पास जाएगा, फिर इसे राष्ट्रपति को भेजा जाएगा। इन राज्यों में भी धर्म परिवर्तन पर कानून लागू है जानकारी के मुताबिक अगस्त 2023 तक देशभर में 10 राज्यों से अधिक में जबरन धर्मांतरण विरोधी कानून लागू हो चुके हैं । उत्तर प्रदेश ,उत्तराखंड, राजस्थान, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, हरियाणा, गुजरात, झारखंड, छत्तीसगढ़, अरूणांचल प्रदेश, असम, गोवा, त्रिपुरा, हिमाचल प्रदेश और ओडिशा इत्यादि में भी ये कानून लागू हैं बता दें कि पिछले वर्ष अगस्त में महाराष्ट्र में जबरन धर्मांतरण के खिलाफ कानून लाने का ऐलान किया गया था।
यूपी कानून में क्या नए बदलाव किए गए है?
यूपी सरकार का कहना है कि गुमराह कर शादी करने और अनुसूचित जाति व जनजाति (एससी- एसटी) के जबरन धर्म परिवर्तन के मामले में अपराध लगातार बढ़ रहे हैं। इन्हीं मामलों पर राज्य सरकार अंकुश लगाने के लिए नियमों में बदलाव करने जा रही है और किया है इस विधेयक में जबरन धर्म परिवर्तन से जुड़े अपराधों में सजा की अवधि को बढ़ाने का प्रावधान किया गया है। इसमें आजीवन कारावास और एक लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है इसके अलावा कोई शख्स अगर यदि किसी नाबालिग, दिव्यांग अथवा मानसिक रूप से दुर्बल व्यक्ति,महिला, एससी-एसटी का जबरन धर्म परिवर्तन कराया जाता है, तो दोषी को आजीवन कारावास और एक लाख रुपये जुर्माने से दंडित किया जा सकता है इसी तरह सामूहिक रूप से जबरन धर्म परिवर्तन पर भी आजीवन कारावास और एक लाख रुपये जुर्माने की सजा होगी।
प्रदेश में सिर्फ एस एसी/एस टी धर्म परिवर्तन करते है और जनरल /ओ बी सी नहीं?
अब बात यह है कि क्या? प्रदेश में सिर्फ एस एसी/ एस टी निचले तप वर्ग के लोग ही धर्म परिवर्तन करते है सिर्फ उनका श्रद्धा व लगाव परमेश्वर और धर्म से है परमेश्वर ने केवल उन्हीं को बनाया है और किसी को नहीं, क्या? जनरल /ओ बी सी के लोग धर्म परिवर्तन नहीं करते है उनका परमेश्वर के प्रति कोई श्रद्धा या लगाव नहीं है आपको मालूम हो कि भारत देश में बहुत से सारे जनरल और ओ बी सी, बैकवर्ड, फारवर्ड के लोग भी धर्म परिवर्तन में शामिल है जो एक अगुओ के रूप में देखा गया है उनका भी झुकाव है परमेश्वर एवं धर्म के प्रति और धर्म परिवर्तन किए हुए है उनके लिए प्रदेश में क्या? कोई कानून और नियम बना हुआ है उनके लिए भी कानून में जुर्बाना और सजा का प्रावधान किया गया है कि नहीं या सिर्फ कानून गरीब, मजदूर ,असहाय, लचारो के लिए बना है नहीं कानून सबका है और सबके लिए प्रावधान बराबर है।
विदेशी फंडिंग धन/धर्म पर कानून रोक का प्रावधान : धर्म परिवर्तन के लिए विदेशों से झूठ बोलकर फंडिंग करने वालों को 14 -15 वर्ष की सजा और 10 -15 लाख जुर्माने का प्रावधान किया गया है यदि कोई धर्म के ठेकेदार धर्म परिवर्तन के लिए किसी व्यक्ति को झूठे साझा देकर उसका धर्म परिवर्तन करता है या उसके जीवन/ संपत्ति को डरा धमका करके उसे भय में डालता है। उस पर हमला या बल का प्रयोग करता है, शादी करने का झूठा लालच साझा देता है, प्रलोभन देकर किसी नाबालिग, महिला या व्यक्ति की तस्करी करता है, तो उसे न्यूनतम 20 साल की सजा होगी वहीं इस सजा को जीवन भर के लिए बढ़ाया जा सकता है इसके लिए पीड़ित के इलाज और पुनर्वास दोनो के लिए भारी मात्रा में भी जुर्माना भरना पड़ेगा।