1000 से भी ज्यादा ट्यूमर के साथ जन्मा था ओडिशा का ये शख्स, ठीक होने के लिए कर रहा मदद का इंतजार

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इंसान का शरीर दुनिया की सबसे जटिल मशीन माना गया है. कब शरीर के किस हिस्से में क्या खराबी हो जाए और उससे क्या कंडीशन पैदा हो, कुछ कहा नहीं जा सकता. कुछ ऐसा ही हुआ है ओडिशा के एक बुजुर्ग शख्स के साथ. इन्हें एक रेयर कंडीशन से गुजरना पड़ रहा है क्योंकि उनके शरीर पर जन्म के कुछ सालों बाद ही छोटे-छोटे हाइव्स निकलने शुरू हुए, जो बाद में ट्यूमर बनते चले गए. आज हालात ये हैं कि इन ट्यूमर्स की वजह से उनका चलना-फिरना भी बंद हो चुका है.
इस अवस्था से गुजर रहे शख्स ट्रूली (Truly Channel) चैनल से बातचीत में बताते हैं कि ट्यूमर (Tumour) शरीर पर उभरने कब शुरू हुए, उन्हें ये भी याद नहीं लेकिन करीब 14-15 साल पहले ये बढ़ने शुरू हो गए. देखते ही देखते उनके पूरे शरीर को ऐसे ही ट्यूमर्स ने ढक लिया. पहले उन्हें इन ट्यूमर्स से कोई परेशानी भी नहीं थी लेकिन अब वे ज्यादा चल नहीं सकते, न ही अपने काम आसानी से कर पाते हैं.जांघ पर है 30 किलो का ट्यूमर
ट्रूली चैनल (Truly Channel) की रिपोर्ट के मुताबिक ओडिशा के रहने वाले इस शख्स के बांए पैर के जांच में काफी बड़ा ट्यूमर है. वे खुद बताते हैं कि इसकी वजह से उन्हें काफी परेशानी होती है. ट्यूमर का वजन करीब 30 किलो हो चुका है और उन्हें चलने में तकलीफ देता है. पैर लटकाकर रखने पर थोड़ा आराम रहता है लेकिन खड़े होना मुश्किल हो चुका है. इसके अलावा आंखों और कानों के पास के ट्यूमर की वजह से उन्हें देखने और सुनने में भी दिक्कत आती है.
अपने काम के लिए हैं पत्नी पर निर्भर
एक वक्त में अपने परिवार के लिए रोटी कमाने वाले ये शख्स अब अपनी ज़रूरतों के लिए पत्नी पर निर्भर हैं. पिछले 8-10 सालों से वे कुछ कर नहीं सकते और घर पर ही रहते हैं. उनकी पत्नी बताती हैं कि 35 साल पहले जब उनकी शादी हुई थी, तब ऐसा नहीं था. सामान्य लोगों की तरह वे काम करने जाते थे लेकिन अब बच्चे ही उनका पालन-पोषण कर रहे हैं. ट्रूली चैनल को अपना दुख बताते हुए उनकी पत्नी कहती हैं कि उन्हें इस बात से फर्क नहीं पड़ता कि कौन क्या कहता है, सिर्फ इस बात का इंतजार है कि उनके पति को मदद मिले तो पैर के ट्यूमर का इलाज हो जाए.
अब मदद का इंतजार
दर्द से जूझ रहे इस शख्स को सरकार से मदद का इंतजार है. वे चाहते हैं सिर्फ उनके पैर का इलाज हो जाए तो वे आराम से अपने घर और बाहर घूम सकें. इस हालात पर लोगों की प्रतिक्रिया के बारे में बात करते हुए वे भावुक हो जाते हैं और बताते हैं कि सब एक जैसे नहीं होते. उनके गांव में कोई भी उनका दिल दुखाने वाली बात नहीं कहता.

10 COMMENTS

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