20 जनवरी को दिल्ली के सिविक सेंटर में MCD कार्यालय में पूरे दिल्ली के 500 से ज्यादा रेहड़ी पार्टी वालों ने MCD की तानाशाही की खिलाफ धरना दिया। धरने में मुख्य रूप से सर्वे में देरी, जबरन बेदखली, टाउन वेंडिंग कमेटी की बैठक ना बुलाया जाना, G20 शिखर सम्मेलन के नाम पर जबरन दुकानों को उजाड़ने जाने का विरोध, पुलिस व नगर निकायों द्वारा नियमित बेदखली व जुर्माना लगाने, बिना वेंडिंग जोन में पुनर्वासित किए बिना किसी सूचना के विक्रेताओं को हटाया जाने तथा PMSVANIDHI के लाभकारी होने के बावजूद एमसीडी के इंस्पेकटोरों के अतिक्रमण के नाम पर उजाड़ कर फेंकने के खिलाफ अपनी आवाज उठायी गई।
स्ट्रीट वेंडर एक्ट 2014 के पारित होने के 8 साल बाद भी रेहड़ी-पटरी वालों के जीवन और रोजगार की सुरक्षा में कोई बदलाव नहीं आया है, बल्कि स्थिति और भी खराब हुई है।
धरने में द्वारका, तहखंड मार्केट, नेहरू प्लेस,वसंत कुंज, जनकपुरी, मयूर विहार, उत्तम नगर,लक्ष्मी नगर,कटवारिया सराय, मधू विहार, जमा मस्जिद, मयूर विहार, मंडावली, निर्माण विहार,पालम,महीपालपुर, रोहिणी,शाहदरा, आर के पुरम, प्रीत विहार, सागरपुर, तिलकनगर, ग्रीन पार्क,आदि जगहों से धरने में भाग लिया तथा अपनी बात रखी। धरने के माध्यम से रेहड़ी पटरी वालों MCD के अधिकारियों को मांगे ना माने जाने से पर दुबारा घेराव की चेतावनी दी।
बहुत से बाजारों में दिल्ली उच्च न्यायालय का आदेश होने के अतिक्रमण का बहाना बनाकर दुकानों को लगातार तोड़ा जा रहा है।
धरने के माध्यम से रेहड़ी पटरी वालों ने धरने के माध्यम से निम्नलिखित मांगे रखी–
– सभी स्ट्रीट-वेंडर्स को वेंडिंग सर्टिफिकेट (सीओवी) जारी करें।
– सर्वेक्षण किए गए सभी स्ट्रीट वेंडर्स को वेंडिंग सर्टिफिकेट दिया जाना चाहिए और सर्टिफिकेट और एलओआर वाले वेंडर्स को किसी भी कीमत पर परेशान नहीं किया जाना चाहिए।
– टाउन वेंडिंग कमेटी की नियमित बैठकें आयोजित करें।
– स्ट्रीट वेंडर्स का सम्मान करें जो टीवीसी के सदस्य हैं।
– टीवीसी की लिखित सहमति के बिना स्ट्रीट वेंडर्स के संबंध में कोई निर्णय नहीं लिया जाएगा।
– पथ विक्रेता अधिनियम, 2014 के अनुसार शिकायत निवारण समिति का गठन।
– सभी साप्ताहिक और रात्रि बाजारों को नियमित किया जाए।
– वेंडिंग जोन का निर्माण, घोषणा और आवंटन।
(NASVI द्वारा जारी विज्ञप्ति के आधार पर प्रकाशित)