मध्यांचल विद्युत वितरण खण्ड निगम लिमिटेड, गोखले मार्ग लखनऊ के अन्तर्गत आने वाले 19 जनपदों में बिलिंग कैश काउण्टरों पर कार्यरत श्रमिकों ने अचानक अपनी छंटनी किए जाने से जीवनयापन में आ रही परेशानियों से अवगत कराते हुए न्याय दिलाने के लिए समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव को ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन में कहा गया है कि आउटसोर्सिंग के माध्यम से 10 से 15 वर्षों से कार्यरत 521 संविदा श्रमिकों को दिनांक 24.अक्टूबर 2022 को दीपावली के दिन से बिना किसी पूर्व सूचना के कार्य से हटा दिया गया। इससे उनके परिवार के सामने भरण पोषण तथा बच्चों की शिक्षा का संकट उत्पन्न हो गया है।
संविदा श्रमिकों के प्रतिनिधियों ने कहा कि वे लोग पूरे निष्ठाभाव से बिजली उपभोक्ताओं का बिजली का बिल जमा कराते रहे। इतने लम्बे समय से कार्य करते चले आने के कारण वे लोग अब किसी अन्य विभाग में जाने योग्य नहीं रह गए हैं।
वहीं भाजपा सरकार पर हमला करते हुए यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा सरकार अपने झूठ के ताने बाने से लोगों को भ्रमित करने की चाहे जितनी कोशिशें कर लें अब जनता के बीच उसकी कलई खुल चुकी है। छह साल से भाजपा सरकार में छुपाई गई भ्रष्टाचार की परतें एक-एक कर खुलने लगी है। जनता भाजपा से त्रस्त है। भाजपा सोचती है कि हर समस्या का समाधान विज्ञापन होर्डिंग और बोर्ड लगाने से हो जाता है पर ऐसा नहीं है। सच्चाई कभी छुपती नहीं है।
अरबों के निवेश का दावा करने वाली उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार ‘काऊ मिल्क प्लांट‘ का बजट तक नहीं दे पा रही है, जिससे डेयरी संचालक और पशुपालकों का लाखों का भुगतान अटका है। ऐसे में कौन ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस‘ के दावों को सच मानेगा। सरकार अपना लगाया प्लांट ही नहीं चला पा रही है तो दूसरों को क्या कहे?
भाजपा सरकार पशुओं के नाम पर भी भ्रष्टाचार से बाज नहीं आ रही है। सीतापुर में प्रशासन ने 26 पशुबाडे़ बनाकर 46 दिखा दिए, 21 सिर्फ कागज पर ही बने हैं। सीतापुर जनपद के कसमंडा के बरेठी ग्राम पंचायत में पशु बाड़े में भूसा भर दिया गया है।
अखिलेश यादव ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में सबसे बड़ा घोटाला तो सड़कों पर गड्ढे भरने के मामले में हुआ है। प्रतापगढ़ में डेढ़ करोड़ की लागत से बन रही सड़क पर झाडू लगाते ही गिट्टियां उखड़ने लगी है। कोडरा-भादूपुर से बहुचरा मार्ग बनते ही उखड़ने के साथ ही इस मार्ग पर बने पुल की दीवारों में भी दरारें उभर आई है। सड़कों के गड्ढ़ों में मिट्टी भरकर बस औपचारिकता पूरी कर ली जाती है। पूरे प्रदेश में यही हाल है।
कन्नौज में इत्र पार्क बनाने का समाजवादी सरकार के समय प्रस्ताव था। भाजपा सरकार के 6 साल में भी यह क्यों नहीं शुरू हो पाया? कन्नौज में अब गोबर पार्क बनाने की भाजपाई साजिश हो रही है। इत्र पार्क को समाजवादी सरकार में 257 करोड़ की लागत से 100 एकड़ क्षेत्रफल में बनाने की योजना बनी थी। अब इसे 50 एकड़ क्षेत्रफल में 100 करोड़ की लागत से ही बनाना तय किया गया है।
अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा सरकार को वास्तव में विकास से कुछ लेना देना नहीं है। वह विकास के नाम पर विनाश के बीज बोने में ही दिलचस्पी रखती है। जनता जान गई है कि भाजपा के रहते उसकी दशा सुधरने वाली नहीं है। मंहगाई, बेरोजगारी की मार से लोग परेशान हैं। भाजपा को सिर्फ सजावट करना और बड़े-बड़े विज्ञापन होर्डिंग से प्रचार के जरिए धोखे की राजनीति करना ही आता है।